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ऐसे में कैसे पढ़ें, आठ बजे आए शिक्षक, आधे घंटे बाद बच्चे
संसू, सांगीपुर : विकासखंड सांगीपुर क्षेत्र के प्राइमरी मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल पूरे नेवली रेहुआलालगंज में शनिवार को बरसात ने बच्चों व शिक्षकों की राह रोक लिया। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक हुई तेज बारिश के कारण पूरे स्कूल परिसर में जलभराव हो गया था। यहां पड़ताल के लिए जागरण टीम ठीक सुबह पौने सात बजे पहुंच गई। सुबह आठ बजे प्रधानाध्यापक शिव कुमार सरोज पहुंचे और कुछ ही देर में शिक्षिका सुमन चौधरी, आशा देवी व दो बच्चे भी पहुंच गए। परिसर में भरे पानी से होकर सभी अंदर दाखिल हुए, मौसम की खराबी व बच्चों की कमी से स्कूल में प्रार्थना नहीं हुई। सुबह के साढ़े आठ बजे तक बच्चों की संख्या पांच रही, साढ़े नौ बजे तक 26 हो गई। स्कूल में कुल 122 बच्चों का नामांकन हुआ है। बच्चों के लिए अभी तक पुस्तकों का इंतजाम नहीं हो सका है। टाटा पट्टी पर बैठाकर बच्चों की पढ़ाई पुरानी किताबों से कराई जा रही है। मिड डे मील में मीनू के मुताबिक बच्चों को सब्जी चावल परोसा गया। भोजन गैस चूल्हे पर बनता है। प्रधानाध्यापक के अनुसार स्कूल में समस्याएं बहुत हैं। शौचालय अधूरा होने से बच्चों को बाहर जाना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी खारा होने के कारण बच्चे घर से ही बोतल में पीने का पानी लेकर आते हैं। मिड डे मील खारे पानी से ही बनता है। जंग लग जाने से हैंडपंप खराब पड़ा है, बिजली नहीं है।

ऐसे में कैसे पढ़ें, आठ बजे आए शिक्षक, आधे घंटे बाद बच्चे
संसू, सांगीपुर : विकासखंड सांगीपुर क्षेत्र के प्राइमरी मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल पूरे नेवली रेहुआलालगंज में शनिवार को बरसात ने बच्चों व शिक्षकों की राह रोक लिया। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक हुई तेज बारिश के कारण पूरे स्कूल परिसर में जलभराव हो गया था। यहां पड़ताल के लिए जागरण टीम ठीक सुबह पौने सात बजे पहुंच गई। सुबह आठ बजे प्रधानाध्यापक शिव कुमार सरोज पहुंचे और कुछ ही देर में शिक्षिका सुमन चौधरी, आशा देवी व दो बच्चे भी पहुंच गए। परिसर में भरे पानी से होकर सभी अंदर दाखिल हुए, मौसम की खराबी व बच्चों की कमी से स्कूल में प्रार्थना नहीं हुई। सुबह के साढ़े आठ बजे तक बच्चों की संख्या पांच रही, साढ़े नौ बजे तक 26 हो गई। स्कूल में कुल 122 बच्चों का नामांकन हुआ है। बच्चों के लिए अभी तक पुस्तकों का इंतजाम नहीं हो सका है। टाटा पट्टी पर बैठाकर बच्चों की पढ़ाई पुरानी किताबों से कराई जा रही है। मिड डे मील में मीनू के मुताबिक बच्चों को सब्जी चावल परोसा गया। भोजन गैस चूल्हे पर बनता है। प्रधानाध्यापक के अनुसार स्कूल में समस्याएं बहुत हैं। शौचालय अधूरा होने से बच्चों को बाहर जाना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी खारा होने के कारण बच्चे घर से ही बोतल में पीने का पानी लेकर आते हैं। मिड डे मील खारे पानी से ही बनता है। जंग लग जाने से हैंडपंप खराब पड़ा है, बिजली नहीं है।

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