सरकारी विद्यालय में दी जा रही थी मजहबी शिक्षा, दो शिक्षक निलंबित
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सिद्धार्थनगर : अभी देवरिया, गोरखपुर व पड़ोसी जनपद महराजगंज आदि जिलों में सरकारी स्कूल को इस्लामिया स्कूल में तब्दील किए जाने का मामला चल ही रहा था कि सिद्धार्थनगर जिले के एक विद्यालय में लंबे समय से मजहबी शिक्षा दिए जाने का प्रकरण सामने आया है। बुधवार को बेसिक शिक्षाधिकारी की जांच में इसका खुलासा हुआ। विकास खंड खेसरहा के प्राथमिक विद्यालय देउरी में बच्चों के पास से उर्दू की पुस्तकें मिलीं। पता चला कि वह मजहबी पुस्तकें हैं। इसे लेकर विद्यालय के दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही निदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है। निलंबित शिक्षकों में प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो.अकमल शामिल हैं।
जागरण द्वारा मामला बीएसए के संज्ञान में लाए जाने पर बुधवार सुबह नौ बजे बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह, खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम के साथ खेसरहा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय देउरी पहुंचे। टीम ने वहां बच्चों के हाथ में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्य पुस्तकों से इतर उर्दू की पुस्तकें देखीं। पूछने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें इन्ही पुस्तकों से तालीम दी जाती है। बीएसए ने वहां तैनात प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो. अकमल से इस बारे में जानकारी चाही कि आखिर किसके आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनुमन्य पुस्तकों से शिक्षण कार्य न करके अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जा रहा है, तो इस पर वे कोई उत्तर न दे सके। इससे नाराज बीएसए ने विभागीय निर्देशों के उलंघन को गंभीरता से लेते हुए दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए की इस कार्रवाई के बाद समूचे जनपद के विद्यालयों में हड़कंप मच गया। टीम में बीईओ सीबी पांडेय, अभिमन्यु व विजय आनंद शामिल रहे। 1बीएसए ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जो पुस्तकें अनुमन्य की गई हैं केवल वही पुस्तकें परिषदीय विद्यालयों में प्रयोग की जा सकती हैं। पुस्तकों के नाम सभी विद्यालयों की दीवालों पर प्रदर्शित किए जाने का भी निर्देश है। ऐसे में बच्चों को दूसरी संस्थाओं की उर्दू या अन्य पुस्तकें पढ़ाया जाना गंभीर प्रकरण है। पूरे जनपद के विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच करने का निर्देश दिया गया है। यदि अन्य किसी विद्यालय में ऐसी स्थिति पाई जाएगी तो दोषी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण में खुली पोल तो बीएसए ने की कार्रवाई
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खेसरहा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय देउरी का मामला
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सिद्धार्थनगर : अभी देवरिया, गोरखपुर व पड़ोसी जनपद महराजगंज आदि जिलों में सरकारी स्कूल को इस्लामिया स्कूल में तब्दील किए जाने का मामला चल ही रहा था कि सिद्धार्थनगर जिले के एक विद्यालय में लंबे समय से मजहबी शिक्षा दिए जाने का प्रकरण सामने आया है। बुधवार को बेसिक शिक्षाधिकारी की जांच में इसका खुलासा हुआ। विकास खंड खेसरहा के प्राथमिक विद्यालय देउरी में बच्चों के पास से उर्दू की पुस्तकें मिलीं। पता चला कि वह मजहबी पुस्तकें हैं। इसे लेकर विद्यालय के दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही निदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है। निलंबित शिक्षकों में प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो.अकमल शामिल हैं।
जागरण द्वारा मामला बीएसए के संज्ञान में लाए जाने पर बुधवार सुबह नौ बजे बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सिंह, खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम के साथ खेसरहा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय देउरी पहुंचे। टीम ने वहां बच्चों के हाथ में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्य पुस्तकों से इतर उर्दू की पुस्तकें देखीं। पूछने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें इन्ही पुस्तकों से तालीम दी जाती है। बीएसए ने वहां तैनात प्रधानाध्यापक मतीउल्लाह व सहायक अध्यापक मो. अकमल से इस बारे में जानकारी चाही कि आखिर किसके आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनुमन्य पुस्तकों से शिक्षण कार्य न करके अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जा रहा है, तो इस पर वे कोई उत्तर न दे सके। इससे नाराज बीएसए ने विभागीय निर्देशों के उलंघन को गंभीरता से लेते हुए दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए की इस कार्रवाई के बाद समूचे जनपद के विद्यालयों में हड़कंप मच गया। टीम में बीईओ सीबी पांडेय, अभिमन्यु व विजय आनंद शामिल रहे। 1बीएसए ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जो पुस्तकें अनुमन्य की गई हैं केवल वही पुस्तकें परिषदीय विद्यालयों में प्रयोग की जा सकती हैं। पुस्तकों के नाम सभी विद्यालयों की दीवालों पर प्रदर्शित किए जाने का भी निर्देश है। ऐसे में बच्चों को दूसरी संस्थाओं की उर्दू या अन्य पुस्तकें पढ़ाया जाना गंभीर प्रकरण है। पूरे जनपद के विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच करने का निर्देश दिया गया है। यदि अन्य किसी विद्यालय में ऐसी स्थिति पाई जाएगी तो दोषी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण में खुली पोल तो बीएसए ने की कार्रवाई
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खेसरहा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय देउरी का मामला
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